hindi story - An Overview
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From timeless classics to present-day masterpieces, these Hindi fiction guides will be the best you can find your arms on.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
Image: Courtesy Amazon This is the critically acclaimed satirical Hindi novel created by Shrilal Shukla and released in 1968. This Hindi fiction ebook provides a scathing critique in the socio-political landscape of rural India. Established while in the fictional city of Shivpalganj, the narrative unfolds through the eyes with the protagonist, Ranganath, a youthful man who returns to his ancestral village to Get well from an illness.
यह बच्चों के लिए एक गुजराती लोक कथा है।
This reserve will certainly maintain their awareness up right until the end as they try to locate Sundari a frog who hides from web page to web page. Written by: …
In like with all issues slow and peaceful, she will typically be discovered hunting for silent corners that has a glass of wine in hand. Other loves include things like minor, inconsequential items, like neatly tucked-in bedsheets and big, major points, like entire cheesecakes. She goals of being a baker and composing about foodstuff sometime.
उसी हिंदी के सामने 'उसने कहा था' की वो हिंदी जो आज भी इसलिए ताज़ा और समकालीन लगती है क्योंकि वो एक ओर तो जीवित-व्यावहारिक भाषा को रचना का आधार बनाती है और दूसरी ओर वो इस भाषा की व्यंजनाओं को विरल विलक्षण आँख से पकड़ती है.
किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे
दिन बीतते गए और मोर पर्याप्त सुविधाओं के साथ एक महान जीवन व्यतीत करता था। धीरे-धीरे उनका अभिमान आसमान पर पहुंच गया। का संगी अपना अधिक समय मोर के साथ बिताती website थी, परिणामस्वरूप वह अपनी गर्मी से पृथ्वी को गले नहीं लगा पाती थी। धरती ठंडी होने लगी और जंगल के जानवर बीमार और उदास रहने लगे। हर समय बारिश होने लगी, सब कुछ तबाह हो रहा था और पृथ्वी पर कोई खुशी नहीं बची थी।
सियार ने उस से अपनी जान बचाने की गुज़ारिश की। किसान को सियार पर दया आ गयी और उसने सियार को बर्तन से मुक्त कर दिया। सियार ने किसान को धन्यवाद दिया और किसान की मदद का वडा कर के वहां से चला गया।
लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश को यह सब अच्छा नहीं लगता था।
बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है बुरे कामों से बचना चाहिए।
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।